रेलवे स्टेशन पर समुद्र तल से ऊंचाई क्यों लिखी जाती है? आप अपने बचपन से समय-समय पर ट्रेन से सफर करते चले आ रहे हैं. आपने रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर स्टेशन के नाम के अलावा उसकी समुद्र तल से ऊंचाई लिखा हुआ जरूर देखा होगा जैसे 856 मीटर, 912 मीटर. आखिर ये क्यों लिखे जाते हैं इसके पीछे क्या वजह होती है. आइए जानते हैं.
समुद्र तल की ऊंचाई से क्या मतलब?
आपने बार-बार जब भी आप रेलवे स्टेशन गये होंगे वहां के बोर्ड पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखी जरुर देखी होगी. आपको बतादे इस समुद्र तल की ऊंचाई से यात्रियों का कोई लेना देना नहीं होता है, किन्तु लोको पायलट के लिए यह बड़े काम की चीज होती है क्योंकि अगर ये साइन बोर्ड न रहे तो यात्रियों की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा हो सकता है. वैसे तो रेलवे चालक अपने काम को विधिवत जानते हैं और उन्हें पता रहता है कि समुद्र तल की ऊंचाई और कमी के दौरान उन्हें ट्रेन को कैसे चलाना है?
लोको पायलट के लिए जरूरी है समुद्र तल की ऊंचाई
आपको MSL का अर्थ भी जरुर पता होना चाहिए और इसे लिखना क्यों जरूरी है? MSL अर्थात मीन सी लेवल (Mean Sea Level ). आपको बता दें यह चीजें ट्रेन के चालक और गार्ड की शःयता के लिए यहां लिखी जाती है. जिससे ट्रेन के ड्राइवर को यहं पता चल जाता है कि यदि आगे ऊंचाई है तो ट्रेन की गति कितनी रखनी है?
जानिए ट्रेन की स्पीड कितनी होनी चाहिए?
ट्रेन ऊंचाई की ओर आसानी से आगे बढ़ सके और जब ट्रेन समुद्र तल के नीचे की ओर जाए, तो ट्रेन की गति कितनी होनी चाहिए? लोको पायलट को इस दौरान ट्रेन की स्पीड कितनी रखनी होगी. इसके अलावा यह भी इसी से पता चलता है कि ट्रेन को किस गति से आगे बढ़ाना है. इस तरह लोको पायलट की सुविधा और सहायता के लिए समुद्र तल की ऊंचाई (MSL) रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर लिखी जाती है.